मनुष्य का जीवन सदा गतिमान है।हमारे जीवन की राह चाहे आसान हो या फिर कठिन।इससे
ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है । अंतर लाने के लिए हमें हमेशा आगे बढ़ते रहना होगा।हमारे
पास सबसे अच्छा विकल्प भी यही है।दृढ़ आत्मविश्वास से भरपूर होने पर ही हमारी राह
आसानी से मंजिल तक पंहुच पाती है।प्रसिद्ध अमेरिकी फुटबॉलर जो नामक ने कहा था जब
आपके अंदर आत्मविश्वास होता है तब आप जीवन का खूब आनंद उठा सकते हैं और फिर आप
अद्भुत निर्माण कर सकते हैं।
आत्मविश्वास और उम्मीद हमारी आंतरिक सुरक्षा के कवच
हैं।उत्साह-उमंग से जीवन जीने की भावना का अर्थ है कि गतिमान जीवन को अंतर्मन से
स्वीकार करना है।स्वामी विवेकानंदजी ने कहा था कि किसी दिन जब आपके सामने कोई
समस्या न आए तो आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि अब आप गलत मार्ग पर चल रहे
हैं।परिस्थिति चाहे कितने भी कठिन क्यों न हो,लेकिन उससे घबराना कभी समाधान नहीं हो
सकता है।समस्या से भागने की कोशिश बताती है कि आप में आत्मविश्वास और आशा का अभाव
है।समस्या का डटकर मुकाबले के लिए खुद पर भरोसा होना बहुत आवश्यक है।स्वयं पर
विश्वास मात्र से आपके अंदर सकारात्मक परिवर्तन आने लगता है।आप पॉजिटिव एनर्जी से
भर जाते हैं।
जीवन में सदा स्वस्थ,उत्साहित और ऊर्जावान बने रहने के लिए उम्मीदों
का साथ होना अनिवार्य है।मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने कहा है हमें सीमित निराशा को
तो स्वीकार करना चाहिए परंतु अनंत उम्मीदों का साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए।जीवन में
कुंठा उत्पन्न होने के पीछे है हमारी अपेक्षाएं।हमारी अपेक्षाएं जब जीवनमूल्यों और
प्राथमिकताओं के बजाय सामाजिकदर्पण से प्रतिबिंबित होती हैं।रत्ती भर की चींटी का
पहाड़ जैसा साहस हम सबके मनोबल को बढ़ाता है।
कभी समय मिले तो चींटी को जरूर
देखें।उनसे जीवन के रहस्य को सुलझाने वाले महत्वपूर्ण सूत्रों से परिचय मिलता
है।चींटियां कभी किसी परिस्थिति की गुलाम नहीं होती हैं।हर परिस्थिति में स्वयं को
निखारती है।किसी भी तरह की रुकावट उसके लिए अवरोध नहीं बन सकती है।वह उन रूकावटों
को घूमकर, नीचे से या ऊपर से पार जरूर करती है।वह कभी परिस्थितियों का रोना लेकर
नहीं बैठती है।हार न मानने का स्वभाव होता है चींटियों का।लक्ष्य पर नजर सदा गड़ाए
रखती है ।
विजेता के लिए अनिवार्य शर्त है युद्ध के मैदान से पलायन न करना।मैदान
छोड़कर भागने वाले कभी जीत नहीं सकते हैं।चींटियों में योजना को क्रियान्वित करने
की अनोखी कला होती है।गर्मियों में सर्दियों की योजना बनाना उनकी विलक्षण प्रतिभा
की पहचान है।धैर्य की अद्भुत खजाना है ये चीटियां।जब सर्दी होती है तो वह धैर्यता
से गर्मी की प्रतीक्षा करती है।चीटियां परिणाम के प्रति सदा प्रयत्नशील रहती हैं।
वे अपने काम को पूरा करने के लिए सदा कटिबद्ध रहती हैं।पूरे मनोयोग से अपने कार्य
को अंतिम अंजाम तक पहुंचाती हैं।वे कभी भी व्यर्थ में अपनी ऊर्जा व्यय नहीं करती
हैं।
चीटियां सदा समूह में काम करती हैं।समूह यानी साझा शक्ति।साझा शक्ति का उपयोग
यानी अधिक अच्छे परिणाम को हासिल करने की कला यह ।परस्परनिर्भरता के महत्व का सम्यक
ज्ञान।समूह में मिलकर बांबिया बना लेती हैं।चींटियों की ये बांबिया इंजीनियरिंग के
अद्भुत उदाहरण हैं।इन बाँबियों के अंदर हवा आने-जाने तक का विशेष ख्याल रखा जाता
है।चींटियों की विशेष पहचान होती है कि वे अपने नेता द्वारा बताए गए रास्ते पर
विनम्रता से चलती हैं।विनम्रता शक्ति है अपने अस्तित्व की प्रकृति से परिचित होने
में।
चीटियां श्रृंखलाबद्ध होकर चलती हैं। चींटियों की शृंखला परस्पर तालमेल का
अद्भुत नजारा है।वे सदैव एक-दूसरे के मार्गदर्शक की भूमिका में रहती हैं।यह बेहतरीन
नेटवर्किंग का शानदार उदाहरण है।चीटियों से हमें सीख मिलती है कि हम परिस्थितियों
के गुलाम नहीं बनें।लक्ष्य पर हमारी सदा दृष्टि हो।हम युद्ध से पलायन नहींकरें,
योजना का क्रियान्वयन की अनोखी कला होती है।परिणाम के प्रति हम अपनी जवाबदेही से बच
नहीं सकते हैं।व्यर्थ में हमें अपनी ऊर्जा का क्षय नहीं करना चाहिए। हम समूह में
विनम्रतापूर्वक नेतृत्व का अनुसरण करते हुए अपने काम को अंजाम तक पँहुचना चाहिए।
-डॉ.कमलाकान्त बहुगुणा
रत्ती भर की चींटी का पहाड जैसा साहस।लाजबाब
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