मार्जनक्रिया की कतिपय विशेषताएं
स्वयं के अस्तित्व को अच्छी तरह से समझने,स्वयं के लिए संभावनाओं
को तलाशने तथा स्वयं की कल्पनाशीलता को विवेक द्वारा नियंत्रित करने की प्रक्रिया का नाम मार्जनक्रिया है ।जीवन की गहनतम
चिंताओं का अनौखा समाधान है मार्जनक्रिया।
चिंताएं चाहे संगठन की हो, व्यक्ति की हो परिवार की हो फिर खुद की ही क्यों न हों,मार्जनक्रिया हमारे मस्तिष्क के द्वार को स्थायी
चीजों की तरफ अर्थात् जीवनमूल्य,परिवार,संबंधों तथा संप्रेषण की
ओर उत्प्रेरित करती है।यह क्रिया सिद्धांतों
का सजीव दर्शन कराती है। मार्जनक्रिया शक्ति,विश्वास और अनुभूति को उच्च स्तर पर ले जाने की सीख देती है।प्रभावकारी
संप्रेषण की मजबूत नींव भी है।
मार्जनक्रिया अवसर प्रदान करती है खुद को खोजने, दूसरों पर स्वयं के प्रभाव को समझने और उनकी गहरी
अंतर्दृष्टिओं का लाभ लेकर स्वयं के प्रभाव को बढ़ाने में। जिंदगी बदलने का नाम है
मार्जन किया।यह क्रिया सिर्फ व्यवसाय में सफल होने का तरीका नहीं सिखाती है बल्कि
सफल मानवीय संबंधों के लिए नैतिकता के आधार पर जीने के तरीकों को परिभाषित कर
प्रशिक्षित करती है।इस क्रिया में संगठन के हर स्तर पर
कर्मचारियों को ऊर्जावान तथा नेतृत्व पैदा करने की विशेष क्षमता विद्यमान है।इस
क्रिया में बुद्धि,करुणा और व्यावहारिक अनुभव का
आदर्श मिश्रण है।
मार्जनक्रिया कोई चमक-दमक वाला मनोविज्ञान अथवा
फैशनेबल self-help नहीं है। इस क्रिया में सुदृढ़ बुद्धिमत्ता भी है और सुदृढ
सिद्धांत भी।इसमें समाहित सिद्धांत शाश्वत हैं।ये सिद्धांत जीवन के हर पहलू पर लागू होते हैं।मार्जनक्रिया के सिद्धांत ऑपेरा की तरह हैं आसानी से तबतक प्रदर्शित नहीं हो सकते हैं जबतक कि उनका अच्छी
तरह से अभ्यास ना कर लिया जाए। मार्जनक्रिया प्रेरणादायक विचारोत्तेजक प्रक्रिया
है। सच तो यह है कि मार्जन क्रिया बार-बार प्रयोग की जाने वाली प्रक्रिया है।
जीतना भी एक आदत है और हारना भी एक
आदत है।मार्जनक्रिया के सातों सोपान सुखी ,स्वस्थ और सफल
व्यक्तियों को उनसे पूरी तरह से अलग कर देते हैं जो संकुचित अर्थ में सफलता पाने
के लिए जीवन के अर्थ और सुख की बलि दे देते हैं। मार्जनक्रिया एक अद्भुत प्रक्रिया
है।यह अंतर्दृष्टि करती है।परवाह की योग्यता विकसित करती है।व्यक्ति को अंदर से आमूलचूल
परिवर्तन करती है।मार्जनक्रिया के सात सोपान जीवन के सभी क्षेत्रों के लिए सफलता
की कुंजी है।
मार्जनक्रिया परिवार,बिजनेस और समाजसंबंधी
स्थायी सच्चाइयों का समर्थन करती है।यह हमें उस मनोवैज्ञानिक बकवास से बचाती है ,जिसने मानवीय संबंधों को वर्तमान समय में बहुत अधिक दूषित कर दिया है। मार्जनक्रिया
न तो आशावादिता से व्याप्त है
और नही निराशावाद से व्याकुल है।यह पूरी तरह से संभावनावाद की पक्षपाती है।इस
प्रक्रिया में बदलने के लिए हम और सिर्फ हम ही अपने अंदर का द्वार खोल सकते हैं। जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए ज्ञान सबसे तेज और सुरक्षित
रास्ता है मार्जन क्रिया में उन शाश्वत सिद्धांतों का समावेश किया गया है जिनका
प्रयोग सभी अति प्रभावकारी लोग करते हैं सफलता को प्रशिक्षण द्वारा सीखा जा सकता
है।मार्जनक्रिया सफलता सीखने की अति प्रभावकारी प्रक्रिया है।
मार्जनक्रिया नेतृत्वक्षमता तथा आत्मप्रबंधन में महत्वपूर्ण
योगदान देती है।समाज का कोई भी व्यक्ति मार्जनक्रिया के द्वारा शाश्वत सिद्धांतों को अपनाकर आत्मलाभ
उठा सकता है।मार्जनक्रिया के महानतम सिद्धांतों में हैं आदत का व्याकरण।
बुद्धिमत्ता से सीखना और विवेकपूर्वक अमल करना। जो जाना ,जो समझा, उसके अनुरूप अमल करना
जरूरी है। मार्जनक्रिया स्थायीरूप से सार्वजनिक विजय हेतु प्रबल सहयोगी है।
प्रतिस्पर्धात्मक दुनिया में जब हम पर अनगिनत जिम्मेदारियां हैं तो हमें मार्गदर्शन की बहुत
ज्यादा जरूरत होती है।यह सात व्यंजनों वाला भोजन है।यह जीवन का नियंत्रण
अपने हाथों में लेना सिखाती है।संतुष्टिदायक,ऊर्जावान और कदम दर कदम मार्गदर्शन करती है यह मार्जिन किया । जीवन और सिद्धांत का
सचेतन एकीकरण अर्थात् आंतरिकविचार और बाहरी व्यवहार को एक समान करने की प्रक्रिया है, जिसके परिणामस्वरूप हमें व्यक्तिगत और सार्वजनिक अखंडता हासिल होती है।
- डॉ. कमलाकान्त बहुगुणा
मार्जनक्रिया ऋषि-मुनियों द्वारा अनुदिष्ट वैज्ञानिक प्रक्रिया है।इसके सात आयाम हैं। प्रथम तीन आयाम आत्मनिर्भरता की दक्षता को निखारते हैं और शेष चार विश्वविजेता की भूमिका निर्मित करते हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर!
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